News

बिहार में 50 लाख लोग बाढ़ से होंगे प्रभावित

 

मानसून की अक्षीय रेखा के हिमालय की तराई क्षेत्र की ओर शिफ्ट कर जाने के कारण बिहार के उत्तरी भाग में ज्यादातर जगहों पर भारी बारिश जारी है। इसके अलावा सूबे के दक्षिण और मध्य भाग में एक दो जगहों पर भी भारी बारिश की स्थिति बनी हुई है। अगले 48 घंटे तक उत्तर बिहार के लगभग सभी भागों में भारी बारिश और कुछ जगहों पर अत्यधिक भारी बारिश के आसार हैं। इन इलाकों में वज्रपात की भी चेतावनी जारी की गई है। उत्तर बिहार और नेपाल में भारी वर्षा का असर नदियों पर दिखने लगा है। बागमती नदी पांच स्थानों पर लाल निशान को पार कर गई है। कमला के अलावा लालबकेया नदी भी शुक्रवार को सीमा लांघ गई है। कोसी का डिस्चार्ज इस वर्ष के ऊच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। मौसम विभाग ने 12 जुलाई तक बागमती बेसिन में भारी बारिश की चेतावनी दी है। इससे बिहार के 14 जिलों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न होने की आशंका जताई गई है। अगर ऐसा हुआ तो कम से कम 50 लाख की आबादी बाढ़ संकट में फंस सकती है। हालांकि प्रभावितों की संख्या इससे कहीं अधिक होगी।

जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार कोसी नदी का डिस्चार्ज शुक्रवार को बराह क्षेत्र में 2.22 लाख और बराज पर 2.36 लाख घनसेक पहुंच गया है। बागमती नदी ने सारी सीमा तोड़कर सीतामढ़ी में चार और मुजफ्फरपुर के एक स्थान पर लाल निशान से ऊपर पहुंच गई है। सीतामढ़ी के ढेंग में एक मीटर 27 सेमी यह नदी ऊपर चली गई है।

मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में भी यह नदी लाल निशान से 29 सेमी ऊपर है। लेकिन दरभंगा के हायाघाट में अब भी यह नीचे बह रही है। कल तक अपनी सीमा में बह रही लालबकेया नदी भी शुक्रवार को पूर्वी चम्पारण में लाल निशान को क्रास कर गई है। कमला नदी झंझारपुर और जयनगर में दोनों स्थानों पर क्रमश: 45 आश्रै 90 सेमी लाल निशान से ऊपर है। इसके अलावा सभी नदियां अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं।  विदित हो कि गंगा का जलस्तर में पटना में बढ़ी है लेकिन अभी यह नदी लाल निशान से नीचे है। गंडक के जलस्तर में वृद्धि की आशंका को देखते हुए पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज व सारण के अधिकारियों को अलर्ट किया गया है।  गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि के बाद मोतिहारी-शिवहर मार्ग अवरुद्ध हो गया है।

Leave a Reply